आज दुर्गा सप्तमी है । लइकन अन्हारही हल्ला कैलन कि आज काली जी के आँख खुल जायत । गुदाल सुनके नगीना आँख मलइत बहरी निकलल तऽ कै गो लइकन एके दफे बोललथिन - "पाँव लागी नगीना भाई, कखनी अयलऽ ?" "राते कुबेर के अइलियो भाई, तोहनी स्कूल में जाहें नऽ ?" कहके घरे आयल आउ झोला में से एक मुठी लेमोचूस लानके लइकन में बाँट देलक । लइकन कुरचइत-खेलइत काली जी दने चल गेलन । जाइत-जाइत नगीना कहलक - "साँझखानी अइहें, हमहूँ काली जी देखे तोहनी के साथे चलबउ ।"
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Monday, September 25, 2006
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