Monday, September 25, 2006

17. रोहन के तिरभुज खेल

चमटोली के जादे लोग नानी टोला पऽ बस गेलन हल जेकरा अपन घर पहिले से हल ऊ तो गाँवे में रह गेलन । गाँव में रहे ओलन में एगो जमुनी के बाप भी हलन आउ रोझन भी । जमुनी के बाप जमुनी के बिआह लइकाइये में कर देलन हल । बाकि जमुनी बाल विधवा होके बापे के साथे रहे लगल हल । लइकाई के राँड़ जमुनी जब जवान भेल तऽ ओकर जमुनिया रंग देखके रोहन के मन ओकरा पऽ मेड़राय लगल । जमुनी तऽ अइसन चाहते हल कि कोई बाहर रहे ओला अदमी हमरा रख लेवे तऽ सहर-सहरात घूमे में आवे । से दूनो एक दोसरा पऽ बाज नियन टूटलन आउ चील झपट्टा मारके एक दोसर के हिरदा में बसल दिल ले भागलन ।

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