Monday, September 25, 2006

25. गाँव बदल गेल

"हमनी के दू-गो बालो-बच्चा हो गेलन आउ एहनी जनबो नऽ कैलन कि गाँव-गिराव कइसन हो हे । गाँव पऽ गेला आज कै बच्छर हो गेल हे । तनी चले के चाही ।" सुनके रोहन बोलल - "जमुनी, तोरा तऽ अब गाँव के नाँव पऽ छीक आवऽ हउ । आज कइसे खेयाल पर गेलो ? आउ अब गाँव में रखले का हे ?"

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