Monday, September 25, 2006

28. महतो के अनसन आउ डगदर

आज अनसन के तेसरा दिन हे । बी०डी०ओ० हाथ में मीठकी लेमो के रस ओला गिलास लेके सूरुज महतो के मना रहल हे । ऊ अनसन तुड़ेला तइयार न हलन । बी०डी०ओ० गिड़गिड़ा रहल हल । डगदर कहइत हल कि इनकर देह ढेर दिना से कमजोर हल । भूख-पिआस से गुरदा में खराबी आ गेल हे । जदि आज ई अनसन नऽ तुड़ऽ हथ तऽ कल से पेसाब में खून आवे लगतइन । फिनो हालत सुधारे में मोसकिल हो जायत । ई सुनके बी०डी०ओ० आउ घबरायल । ओकरा समझ में कुछ न आ रहल हल । ऊ अपना तरफ से निरनय लेके बता भी न सकऽ हल । से ऊ तुरते जीप से जिला प्रसासन हिआँ पहुँचल । जिलाधीस भी तो सूरुज महतो के सरत कबूल करेके अधिकार न रखऽ हल । ऊ भी तनी गिलपिल में पर गेल काहे से कि बेमार हालत में सूरुज के अनसन खतरा से खाली नऽ हल आउ जदि ऊ अनसन करइत मर गेलन तो हमनी सब के जबाब देइत-देइत हालत खराब हो जायत आउ ससपिन होयब से अलगे । से कलकटर तुरते रजधानी के स्वास्थ्य मंत्री आउ सड़क मंत्री हीं फोन लगौलक आउ बात के खुलासा कहलक ।

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