Monday, September 25, 2006

41. काम के चक्का घहराय लगल

दसहरा के बाद सुखदीरी के तइयारी सुरुम भे गेल । नानी टोला उर्फ रग्घू टोला में फूस से छावल माटी के घर जादे हल जेकर लिपाई-पोताई ला माटी बहरी से लावे परऽ हल । से नानी टोला पर के मेहरारुन के जमात बाला पर से गोरकी माटी लावे ला कपार पर ओड़िया आउ हाथ में खंती लेले जाय लगलन हल । आज अनमनाहे में सुगिया घरे-घर से लोग के बोला लौलक आउ कपार पर ओड़िया ओढ़ले रग्घू बहु, टेनिया के माय, बुधिया आउ एहनी जवनकीन में एगो बूढ़ जमुना के माय भी सामिल हो गेल । पनघट के बतकही नियन ओहनी धान के आरी पर बतिआइत बतिआइत नहर पर पीपर तर से होके संडक पर के भूतहा बर तर पहुँचलन तो सुगिया के करेजा धकर-धकर करे लगल बाकि उहाँ केकरो बरहोर धरके ढुलुआ ढुलइत न देखलक । बाला पर पहुँचे में तनी देरी लग जा हल । गाँव से मील भर ला दूरी परऽ हल । उहाँ के गोरकी माटी से देवाल खूब बढ़िया लिपा हल आउ गोर चमके लगऽ हल । से आजकल बाला पर जने-तने ढेर मानी मटखान खना जा हल । एगो अइसने मटखान पर जाके एहनी के जमात बइठ गेल ।

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